चंडीगढ़: हरियाणा की सिंचाई मंत्री श्रुति चौधरी ने बताया कि बीती मध्यरात्रि टांगरी नदी में जलस्तर 9.5 फुट (लगभग 20,900 क्यूसिक) तक पहुंच गया था, जो खतरे के निशान 7.0 फुट (15,400 क्यूसेक) से अधिक है। पिछले वर्षों में इतनी मात्रा में पानी आने पर अंबाला छावनी की कई कॉलोनियां जलमग्न हो जाती थीं और करोड़ों रुपये का नुकसान होता था, लेकिन समय रहते खुदाई होने से और विभाग की सूझबूझ से खतरा टल गया।
उन्होंने बताया कि इस बार सिंचाई विभाग ने बरसात से पहले नदी की खुदाई का कार्य शुरू किया, जिसकी वजह से पानी सुरक्षित रूप से बह गया और हजारों लोगों को बड़ी राहत मिली।
सिंचाई मंत्री ने बताया कि बरसात शुरू होने से पहले विभाग ने नदी के तल को गहरा और चौड़ा करने का कार्य प्रारंभ किया था। हालांकि, बारिश के कारण फिलहाल केवल आधा कार्य ही पूरा हो पाया, लेकिन इससे नदी की जल निकासी क्षमता में काफी वृद्धि हुई है। बरसात का मौसम समाप्त होते ही हम यह कार्य पूर्ण कर देंगे।
सिंचाई मंत्री ने बताया कि 6 अगस्त को सुबह 11 बजे नदी में 11,000 क्यूसेक पानी था, जो शाम 4 बजे तक 15,400 क्यूसेक और मध्यरात्रि तक 20,900 क्यूसेक हो गया। पहले ऐसे जलस्तर पर न्यू टैगोर गार्डन, न्यू एकता विहार, प्रभु प्रेमपुरम, रामपुर, सरसेहड़ी, चंदपुरा और करधान जैसे क्षेत्रों में पानी भर जाता था, लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ।
सिंचाई मंत्री ने बताया कि विभाग द्वारा टांगरी नदी को गांव रामगढ़ माजरा से गांव भुन्नी तक गहरा और चौड़ा किया जा रहा है तथा सरसेहड़ी और चंदपुरा में अस्थाई बांध बनाए गए हैं। इन प्रयासों से इस बार अधिक जलस्तर होने के बावजूद सरसेहड़ी, चंदपुरा और आस-पास के क्षेत्र सुरक्षित रहे ।
उन्होंने बताया कि पहले महेशनगर पंप हाउस के गेट नदी में केवल 2.5 फुट पानी आने पर बंद हो जाते थे, जिससे शहर में बारिश का पानी भर जाता था। इस बार खुदाई के कारण ये गेट 4.5 फुट पानी आने पर ही बंद हुए, जिससे लोगों को भारी राहत मिली।
मंत्री श्रुति चौधरी ने नागरिकों को आश्वस्त करते हुए कहा कि सरकार और सिंचाई विभाग इसी प्रकार समय रहते कदम उठाकर जनता की सुरक्षा सुनिश्चित करता रहेगा।
उन्होंने कहा कि किसी भी प्रकार की प्राकृतिक आपदा के समय सरकार हर समय लोगों के साथ खड़ी है। आमजन को किसी प्रकार की चिंता करने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि जल भराव वाले क्षेत्रों में भी विभाग के अधिकारियों को पानी निकासी के लिए हर आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने स्वयं जल भराव वाले क्षेत्र का दौरा किया है। कई दिनों तक अत्यधिक बारिश होने के चलते जलभराव की समस्या बनी है।