हरियाणा में अनुसंधान और नवाचार की दिशा में बड़ा कदम

चंडीगढ़, 23 जुलाई-हरियाणा में अनुसंधान और नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने के उद्देश्य से एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए, राज्य सरकार ने हरियाणा राज्य अनुसंधान और नवाचार कोष (एचएसआरएफ) स्थापित किया है। इस कोष के लिए वित्त वर्ष 2025–26 में 20 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है।

इस कोष का उद्देश्य राज्य के उच्च शिक्षा संस्थानों में एक जीवंत, बहु-विषयक और उच्च-गुणवत्तापूर्ण शोध संस्कृति को बढ़ावा देना है। यह पहल हरियाणा की सामाजिक-आर्थिक विकास प्राथमिकताओं से निकटता से जुड़े शोध क्षेत्रों पर केंद्रित है। इनमें कृषि और ग्रामीण विकास, औद्योगिक नवाचार और उद्यमिता, विज्ञान और प्रौद्योगिकी में उभरती प्रौद्योगिकियाँ, आयुष, योग और निवारक स्वास्थ्य, कौशल विकास और रोजगार, डिजिटल शिक्षा और ईआईटी, जलवायु परिवर्तन और स्थिरता, जल प्रबंधन तथा समावेशी एवं मूल्य-आधारित शिक्षा शामिल हैं।

मुख्य सचिव श्री अनुराग रस्तोगी ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए, हरियाणा राज्य अनुसंधान और नवाचार कोष के अंतर्गत राज्य विश्वविद्यालयों द्वारा शुरू की जाने वाली अनुसंधान परियोजनाओं की व्यापक सूची को अंतिम रूप देने के लिए एक उच्च-स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में विभिन्न प्रशासनिक सचिवों और विभागाध्यक्षों समेत राज्य के उच्च शिक्षा एवं अनुसंधान क्षेत्रों से जुड़े अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने भी भाग लिया।

श्री अनुराग रस्तोगी ने कहा कि शोध को केवल शैक्षणिक सीमाओं तक सीमित नहीं रहना चाहिए, बल्कि यह शासन, सेवा वितरण और क्षेत्रीय विकास की वास्तविक जरूरतों को संबोधित करने वाला होना चाहिए। उन्होंने कहा कि विभागों को चाहिए कि वे शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, पर्यावरण, उद्योग या शहरी सेवाओं जैसे व्यावहारिक मुद्दों की पहचान करें और उन्हें विश्वविद्यालयों के सहयोग से शोध प्रश्नों के रूप में तैयार करें। उन्होंने कहा कि सरकार का उद्देश्य ऐसे शोध को प्रोत्साहित करना है जो लोगों के जीवन में प्रत्यक्ष सुधार ला सके।

मुख्य सचिव ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी के निर्देशानुसार, सभी प्रशासनिक सचिव अपने-अपने विभागों से संबंधित ऐसे विषयों की पहचान करें, जिन पर शोध कर सार्वजनिक सेवाओं की गुणवत्ता और आमजन के जीवन स्तर में सुधार किया जा सके। उन्होंने निर्देश दिए कि विभाग 15 अगस्त, 2025 तक अपने शोध विषय उच्च शिक्षा विभाग को प्रस्तुत करें।

बैठक के दौरान यह जानकारी दी गई कि हरियाणा राज्य उच्च शिक्षा परिषद को इस योजना के संचालन के लिए नोडल एजेंसी नामित किया गया है। यह परिषद प्रस्तावों को आमंत्रित करने, उनका मूल्यांकन करने, परियोजनाओं की प्रगति की निगरानी करने और उनके परिणामों का आकलन करने का कार्य देखेगी।

उच्च शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री विनीत गर्ग ने बताया कि इस योजना के अंतर्गत शिक्षकों को प्रति परियोजना अधिकतम 50 लाख रुपये तक का अनुदान दिया जाएगा, जबकि छात्रों, जिनमें स्नातक, स्नातकोत्तर और शोधार्थी शामिल हैं, को प्रति परियोजना अधिकतम 5 लाख रुपये का अनुदान दिया जा सकेगा, बशर्ते वे किसी पात्र शिक्षक के मार्गदर्शन में कार्य कर रहे हों। प्रत्येक वर्ष परियोजनाओं की संख्या वार्षिक बजटीय प्रावधान के आधार पर तय की जाएगी।

By Gurpreet Singh

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *