चंडीगढ़, 18 अक्तूबर:
किसान भवन में शनिवार शाम आयोजित “हैकर्स मीटअप 2025” में साइबर सुरक्षा को लेकर युवाओं और विशेषज्ञों ने खुलकर चर्चा की। दो घंटे चले इस कार्यक्रम में 100 से अधिक एथिकल हैकर्स, साइबर प्रोफेशनल्स और छात्रों ने हिस्सा लिया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पूर्व डीजीपी राजिंदर सिंह ने युवाओं को संबोधित करते हुए कहा,
“आज का दौर डिजिटल है — लेकिन डिजिटल सुरक्षा के बिना आजादी अधूरी है। हैकिंग का ज्ञान तभी सार्थक है जब उसका इस्तेमाल समाज की सुरक्षा के लिए हो।”
आयोजक हरिंदर ने कहा,
“हमारा मकसद यह दिखाना था कि कैसे छोटी सी चूक से अकाउंट हैक हो सकता है, और किस तरह कुछ बेसिक सावधानियों से हम खुद को सुरक्षित रख सकते हैं।”
सह-आयोजक एकमदीप ने जोड़ा,
“मीटअप का फोकस ‘अवेयरनेस थ्रू एक्सपोज़र’ था — ताकि लोग डरें नहीं, बल्कि जानें कि खतरे क्या हैं और उनसे कैसे बचा जा सकता है।”
कार्यक्रम के दौरान व्हाट्सएप वेब एक्सप्लॉइट, फिशिंग, सिम-स्वैप अटैक, और स्पायवेयर जैसे हमलों पर लाइव डेमो दिए गए। साथ ही विशेषज्ञों ने बताया कि दो-तरफा प्रमाणीकरण (2FA), नियमित ऐप अपडेट और सुरक्षित डाउनलोडिंग से ऐसे अधिकांश खतरों से बचा जा सकता है।
कार्यक्रम के अंत में पूर्व डीजीपी राजिंदर सिंह ने युवाओं से अपील की कि वे “एथिकल हैकिंग” को एक जिम्मेदारी की भावना से अपनाएं और साइबर सुरक्षा को राष्ट्र सेवा का हिस्सा मानें।
